
रायपुर । छत्तीसगढ़ की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर आयोजित रजत जयंती समारोह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी से ऐतिहासिक बन गया। बिहार चुनाव की व्यस्तता के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को नवा रायपुर में करीब आठ घंटे बिताए और पांच बड़े कार्यक्रमों में शामिल होकर छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा को नई दिशा दी।
राज्योत्सव के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री ने नक्सलवाद और राजनीतिक विरोधियों पर तीखा प्रहार करते हुए कहा—
“कुछ लोग संविधान की किताब का दिखावा करते हैं, सामाजिक न्याय के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाते हैं, लेकिन लाल आतंक से मुक्ति की कभी चिंता नहीं की।”
उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह दिन दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ सहित देश का हर कोना माओवादी आतंक से पूरी तरह मुक्त होगा।
नवा रायपुर में विकास और आस्था का संगम
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने लगभग 14,300 करोड़ रुपये की विकास और परिवर्तनकारी परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया।
उन्होंने 325 करोड़ रुपये की लागत से बने नए विधानसभा भवन का उद्घाटन किया, जिसे छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा का प्रतीक बताया।
इसके बाद श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में बच्चों से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी का स्नेहिल रूप देखने को मिला। बच्चों से उनके सपनों के बारे में पूछते हुए उन्होंने कहा,
“यह आपका समय है, ऐसा कोई लक्ष्य नहीं जिसे आप हासिल नहीं कर सकते। मोदी की गारंटी है कि मोदी हर कदम आपके साथ हैं।”
जनजातीय गौरव और आध्यात्मिकता से जुड़ा दिन
प्रधानमंत्री ने शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक एवं जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह संग्रहालय आज़ादी की लड़ाई में आदिवासी समाज के अमर योगदान को जीवंत रखेगा। उन्होंने आदिवासी समाज के संघर्ष और वीरता को सलाम किया।
इसके बाद पीएम मोदी सेक्टर-20 स्थित ब्रह्माकुमारी संस्थान के मेडिटेशन सेंटर ‘शांति शिखर’ पहुंचे, जहां उन्होंने ध्यान साधना की और कहा,
“मैं यहां अतिथि नहीं, परिवार का हिस्सा हूं। आचरण ही सबसे बड़ा धर्म है, कथन और करनी में एकता ही सच्चा परिवर्तन लाती है।”
छत्तीसगढ़ महतारी की जय से गूंजी सभा
अपने भाषण की शुरुआत प्रधानमंत्री ने “भारत माता की जय”, “मां दंतेश्वरी”, “मां बम्लेश्वरी” और “छत्तीसगढ़ महतारी” के जयघोष से की। उन्होंने छत्तीसगढ़ी में राज्य निर्माण के 25 वर्ष पूरे होने की बधाई देते हुए कहा,
“छत्तीसगढ़ के युवाओं और किसानों की मेहनत ने विकास की नई पहचान बनाई है। आने वाला समय इसी छत्तीसगढ़ का है।”














